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इसरो नोदन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी)

इसरो नोदन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) भूतपूर्व द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, महेंद्रगिरि (एलपीएससी-एम), तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कन्याकुमारी के पास महेंद्रगिरि पहाड़ियों में स्थित है। यह इसरो के द्रव नोदन प्रणाली का मुख्य परीक्षण केंद्र है। आईपीआरसी की भूमिका उपग्रह और उपग्रह प्रमोचन यान दोनों के लिए द्रव नोदन प्रणाली के विकास हेतु अनुसंधान करना है। द्रव नोदन प्रणाली के समुच्चयन, एकीकरण और परीक्षण हेतु आईपीआरसी अधुनातन सुविधाओं से सुसज्जित है। यह प्रमोचन यानों और अंतरिक्ष यान परियोजनाओं के लिए उप-प्रणालियों के विकास, योग्यता परख और स्वीकृति परीक्षण के लिए उत्तरदायी है।

तप्त परीक्षण के द्वारा इंजन की योग्यता सिद्ध करने से पूर्व, इसके उपतंत्रों का जल या अनुरूपी तरल के प्रयोग द्वारा शीत प्रवाह परीक्षण करके उनकी योग्यता सिद्ध की जाती है। इसके लिए शीत प्रवाह परीक्षण सुविधाओं की स्थापना की गई हैं। इसके अलावा, उपरि चरण रॉकेट इंजन तथा निर्वात पर्यावरण में उपग्रहों के प्रणोदक/द्रव अपभू मोटर का परीक्षण/अनुकरण करने के लिए सुविधाओं की स्थापना की गई हैं। इन सुविधाओं का प्रयोग अंतरग्रहीय अभियानों की नोदन प्रणालियों के विकास के लिए भी किया जाता है।

आईपीआरसी को इसरो के विश्वसनीय प्रमोचन यान पीएसएलवी के दूसरे और चौथे चरणों की सुपुर्दुगी की जिम्मेदारी है। उपरोक्त प्रमोचन यान में घटकों के सुधार और स्वदेशीकरण, आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है। भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन मार्क II (जीएसएलवी मार्क II) हेतु 75kN प्रणोद क्षमता के स्वदेशी निम्नतापीय इंजन और जीएसएलवी मार्क III हेतु 200kN प्रणोद क्षमता के इंजन के विकास में आईपीआरसी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस विकास की ओर आईपीआरसी ने निम्नतापीय प्रौद्योगिकी को परिपूर्ण करने के लिए व्यापक परीक्षण और विश्लेषण किया है।

इसरो अब उच्च प्रणोद सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के विकास के लिए काम कर रहा है जो द्रव ऑक्सीजन और इसरोसीन नामक रॉकेट ग्रेड केरोसिन का उपयोग करता है। 2000kN प्रणोद क्षमता के इस पर्यावरण अनुकूल सेमी-क्रायो इंजन का विकास किया जा रहा है। इस विकास के लिए परीक्षण सुविधाओं की स्थापना करने में आईपीआरसी की महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही समुच्चयन, एकीकरण एवं नोदक भंडारण संबंधी सुविधाओं की स्थापना के कार्य प्रगति पर हैं।

आईपीआरसी ने वर्षों से महत्वाकांक्षी प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रमों के साथ विश्व स्तर की सुविधाएं स्थापित की हैं और यह द्रव नोदन क्षेत्र में अग्रणी है।

श्री जो. आसीर पाक्कियराज ने दिनांक 01 फरवरी 2023 को आईपीआरसी के निदेशक के रूप में कार्य-भार ग्रहण कर लिया है।



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